Friday, 23 September 2016

Just some Laugh

It takes 26 muscles to laugh ,

               62     to      frown  ,

so in life why to look down ,

Whenever you are sad think of a clown ,

still if you be sad ,

just   think ,

am I mentally physically sound ,

friend it takes 26 muscles to laugh ,

                      62    to   frown ,

 

your time has come to prove your worth ,

if you don't believe then just look at the countdown ,

just be happy and stay calm ,

cuz it just takes 26 muscles to laugh ,

                            62     to       frown ..


Regrets generally outnumber our dream 

 failures and rejection makes our heart scream,

But still we can fight Back friends , 

cuz it takes 26 muscles to laugh ,

                       62   to   frown   ...


There are chances in life where ,

victory is defeat and defeat is victory ,

that very moment is the time to create history, just think of winning moments

when you are down ,

it takes 26 muscles to laugh ,

              62      to       frown..

     
--------- Happiness is just a choice , just a decision you have to make , it is not something which will come along where ever you go , so let's be happy with a happy decision.

Thursday, 22 September 2016

मेरी प्यारी बहन (My Sister My Love )

बहन , बचपन से शुरु करता हूं ,

हम लड़ते थे , झगड़ते थे ,

एक दूसरे की खूब शिकायतें करते थे ,

हमारे बीच दो पल की  ही संधि होती ,

फिर हो जाता था विच्छेद ,

जाने क्यों था हमारे बीच इतना मत भेद ,

नानाजी ने कितना समझाया ,

फिर भी शायद मैं बेवकूफ समझ ना पाया ।

एहसास हुआ थोड़ा-थोड़ा जब तुमसे बिछड़ा ,

जब झगड़ने को कोई ना मिला ,

और जब पुस्तक में भाई बहन की पढ़ी कहानी ।

पिछले कुछ सालों से खुद को बहुत भाग्यवान समझता हूं ,

कि एक प्यारी सी बहना है ,

जाे अन्नु भैया , अन्नु भैया कहती है ,

और मेरे स्वप्नश्लोक में , ह्रदय लोक में रहती है ।

            स्वप्नश्लोक में , ह्रदय लोक में रहती है ।

Tuesday, 20 September 2016

मेरी मां

                                मेरी मां

ममता का प्यारी सी मूरत है ,  मेरी मां।

प्यार की भोली सी सूरत है ,  मेरी मां ।

संगीत   मधुर  सी   है ,         मेरी मां ।

मां तेरा है हर रूप सुनहरा,

मेरे दिल पर रहता है , बस तेरा ही डेरा ।


भयभीत कभी भी मैं जो हुआ,

मां , तूने  भय को भी दूर किया ।

मां , तेरी ही आंचल में बचपन है बीता,

तेरे ही संग देखा  "सीता और गीता"   ।


जब भी तुम मुझे बचपन में कहानी सुनाती ,

उस रात नींद मुझे  मां खूब  ही  भाती  ।

नहीं भूला हूं  मां , मैं  अब भी तेरी वो चुटकुले ,

जिन से  फूटे थे  मेरे हंसी के  गुलगुले ।


जीने का तुमने राह सिखाया ,

मेरे हर जिद को तुमने सही दिशा दिखाया ।

पापा से तो मैं डरता था ,

सारी बातें तेरे सामने रखता था ।

मां जीवन में ऐसा मोड़ भी आया ,

 तुमसे कुछ वर्षों के  बिछड़न को पाया ,

शायद इसी पल ने मुझसे तोरा महत्व सिखाया ।

मां तेरी याद में जिस रात  मैं रोया था ,

उस रात ठीक से सो भी नहीं पाया था ,

बड़ी मुश्किल से दिल को मनाया था ,

खुद को बहुत ही अकेला भी पाया था ,

मैंने  भाग्य को कोसा भी कि क्यों मैं सैनिक स्कूल में आया था ।

 तुझ से बिछड़ने के हर पल ने मुझे सताया था  ।


आजकल मुझे मां सिर्फ तेरी आवाज ही संतुष्ट कर जाती हैं ,

फिर भी कभी-कभी तेरी याद बहुत आती है ।


मां तुम न पूरब हो , न पश्चिम हो ,

न उत्तर हो , न  दक्षिण हो ,

मां तुम तो मेरी देवी हो ।

     तुम तो मेरी देवी हो. ।