Thursday, 22 September 2016

मेरी प्यारी बहन (My Sister My Love )

बहन , बचपन से शुरु करता हूं ,

हम लड़ते थे , झगड़ते थे ,

एक दूसरे की खूब शिकायतें करते थे ,

हमारे बीच दो पल की  ही संधि होती ,

फिर हो जाता था विच्छेद ,

जाने क्यों था हमारे बीच इतना मत भेद ,

नानाजी ने कितना समझाया ,

फिर भी शायद मैं बेवकूफ समझ ना पाया ।

एहसास हुआ थोड़ा-थोड़ा जब तुमसे बिछड़ा ,

जब झगड़ने को कोई ना मिला ,

और जब पुस्तक में भाई बहन की पढ़ी कहानी ।

पिछले कुछ सालों से खुद को बहुत भाग्यवान समझता हूं ,

कि एक प्यारी सी बहना है ,

जाे अन्नु भैया , अन्नु भैया कहती है ,

और मेरे स्वप्नश्लोक में , ह्रदय लोक में रहती है ।

            स्वप्नश्लोक में , ह्रदय लोक में रहती है ।

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